On lord shiva there are many aarti held like “om jai shiv omkara” and many others, but today we learn about “Om Jai Gangadhar Aarti”. Lord Shiva is also known as a Gangadhar because he holds maa ganga on his hair and ganga flow from there. If you also want to learn or download Om Jai Gangadhar Aarti in Sanskrit PDF. Then You are in the right place and from here you can do Both. We also provide Shiv Aarti in others language, check them also.
Shiv Aarti in Sanskrit PDF (गंगाधर आरती)
ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा।
त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा॥ हर…॥
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने।
क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम्।
इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम् ॥ हर…॥
बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता।
किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता॥
धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते।
क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते ॥हर…॥
रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता।
चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां॥
तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते।
अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते ॥ हर…॥
कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम्।
त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्॥
सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम्।
डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम् ॥ हर…॥
मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम्।
वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम्॥
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम्।
इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणं ॥ हर…॥
शंखनिनादं कृत्वा झल्लरि नादयते।
नीराजयते ब्रह्मा वेदऋचां पठते॥
अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा।
अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा॥ हर…॥
ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा।
रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा॥
संगतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते।
शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते ॥ हर…॥
श्री शिव आरती संस्कृत में | Shri shiv aarti Lyrics in Sanskrit
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श्री शिव आरती संस्कृत में | Shri Shiv Aarti lyrics in Sanskrit
The Value Shiv Aarti in Sanskrit
गंगाधर आरती भगवान शिव को समर्पित एक भक्ति प्रार्थना है, विशेष रूप से उनके अवतार या अवतार जिन्हें गंगाधर कहा जाता है, को समर्पित है। यह आरती आमतौर पर धार्मिक समारोहों और अनुष्ठानों के दौरान भगवान शिव के भक्तों द्वारा पढ़ी जाती है। गंगाधर आरती के लेखक को विशेष रूप से मान्यता नहीं मिली है, क्योंकि यह एक पारंपरिक रचना है जो पीढ़ियों से चली आ रही है।
आरती पवित्र नदी गंगा के धारक के रूप में भगवान शिव की महिमा करती है, जो उनकी दिव्य शक्ति को नियंत्रित करने और प्रसारित करने की शक्ति का प्रतीक है। यह भगवान शिव के दिव्य गुणों की स्तुति करता है और उनके लाभ, ज्ञान और सुरक्षा की कामना करता है। गंगाधर आरती अद्भुत देवता के प्रति समर्पण की एक हार्दिक अभिव्यक्ति है और इसे आध्यात्मिक उत्थान और दैवीय कृपा की तलाश करने वाले भक्तों द्वारा अत्यधिक श्रद्धा के साथ गाया जाता है।
Gangadhar Aarti is a devotional prayer committed to Lord Shiva, specially to His incarnation or avatar called Gangadhar. This aarti is broadly recited by means of devotees of Lord Shiva at some point of religious ceremonies and rituals. The writer of Gangadhar Aarti is not particularly recognised, as it is a traditional composition that has been passed down through generations.
The aarti glorifies Lord Shiva as the holder of the sacred river Ganga, symbolizing His power to govern and channelize divine strength. It praises Lord Shiva’s divine attributes and seeks His benefits, wisdom, and safety. Gangadhar Aarti is a heartfelt expression of devotion closer to the amazing deity and is sung with utmost reverence by way of devotees to are looking for spiritual upliftment and divine grace.
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